Thursday 25 September 2014

WOH

१   खुद अपने आप से बात कर लेते हैं
      इसी बहाने उससे मुलाकात कर लेते हैं 

२   रोशनी को खुद के अंदर बुला लिया 
      कुछ देर ही सही, उसका मंजर तो पा लिया 

३   उसके गीत तभी देते है सुनाई 
     जब मैं खुद से भी बात नहीं करता 


Monday 22 September 2014

एक रात अकेली सी

रात में हम अकेले गुनगुना रहे
 तुम हो ख़यालो में ,याद बहुत आ रहे

 ठंडी हवा छेड़ रही कानो में कोई धुन
मेरे दिल की आवाज़ को अपने दिल से सुन
तेरे ख़याल गीत बनके मेरे दिल से हैं आ रहे
रात में …

ये रात अकेली है ,और हम भी है अकेले
आँखों में तेरा अक्स है ,होंठो पे गीत तेरे
इस रूठे हुए दिल को फ़रियाद कर मना  रहे
रात  में   ...