Monday 22 September 2014

एक रात अकेली सी

रात में हम अकेले गुनगुना रहे
 तुम हो ख़यालो में ,याद बहुत आ रहे

 ठंडी हवा छेड़ रही कानो में कोई धुन
मेरे दिल की आवाज़ को अपने दिल से सुन
तेरे ख़याल गीत बनके मेरे दिल से हैं आ रहे
रात में …

ये रात अकेली है ,और हम भी है अकेले
आँखों में तेरा अक्स है ,होंठो पे गीत तेरे
इस रूठे हुए दिल को फ़रियाद कर मना  रहे
रात  में   ...

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