Wednesday 13 March 2013

Being Unique

जग में लोग अनेक है , हर में है गुण दोष ॥
तुलना करना व्यर्थ है, खुद से कर संतोष ॥

गाँधी न थे भगत  सम ,कान्हा न सम राम ॥
कोई किसी के सम नहीं ,सबकी अपनी पहचान ॥

मोल करे न खुद का जब तक  ,मोल करें न और ॥
मोल जो खुद का कर लिया,हर कोई लेवे ठौर ॥

देख पराये सफ़र को,मन  तू क्यों घबराय  ॥
सफ़र तेरा कुछ और है,अलग  तेरी है  राह ॥

राम तुम्हारी दुनिया में,भांति भांति के  लोग ॥
दो बराबर मिल गए ,गजब कहूँ संजोग ॥








 

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